प्लास्टिक क्रेट्स और गमलों में हो रही खेती

प्लास्टिक क्रेट्स और गमलों में हो रही खेती
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ऋषिकेश-यद्यपि पूरे देश में कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर लॉक डाउन की स्थिति बनी हुई है ।ऐसे में हर कोई परेशान नजर रहा है लेकिन लॉक डाउन अवधि में समय का सदुपयोग करने वालों की भी कमी नहीं है।इस तरह हर रोज कोई न कोई नई खबर चौंकाने वाली होती है।जिन लोगों में प्रतिभा होती है उनकी प्रतिभा छिपाए नहीं छिपती है और समस्याओं का रोना न रोकर नित नए कामों से समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।ऐसे ही एक व्यक्ति ने लॉक डाउन अवधि में समस्याओं को आईना दिखाते हुए पुरानी टूटी हुई प्लास्टिक क्रेट्स में मिट्टी भरकर गायों के लिए चारा उगाकर समाज में मिशाल पेश की है।हम जिनकी बात कर रहे हैं वह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।हम बात कर रहे हैं जैवविविधता समिति खदरी खड़क माफ के अध्यक्ष पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र की।श्यामपुर न्याय पँचायत की ग्रामसभा खदरी खड़क माफ निवासी विनोद जुगलान जो स्वयं एक कृषक हैं उन्होंने प्लास्टिक क्रेट्स में गायों के लिए मक्का बोकर उगाया है।जिससे नित्य हरे चारे की व्यवस्था होती है।आखिर यह सब करने की क्या आवश्यकता पड़ी। खदरी के खादर स्थित हजारों बीघा खेतों पर ग्रामीण सिंचाई के लिए ठाकुर पुर के समीप बंगाले नाले पर बने बांध और गूल का प्रयोग करते हैं।जिस पर मरम्मत का कार्य चल रहा है।अस्थाई रूप से खेतों में पानी की समस्या को लेकर उन्होंने आकस्मिक योजना पर विचार करते हुए फल एवं सब्जी व्यवसायी प्रवीण अनेजा से कुछ टूटे हुए प्लास्टिक क्रेट्स लेकर उनमें मिट्टी भरकर आँगन में ही मक्का बोने का निर्णय लिया।हर रोज थोड़ा थोड़ा पानी डालकर कुछ ही दिनों में इन क्रेट्स में मक्की का चारा तैयार होगया।ग्रामीण परिवेश में पले जुगलान न केवल कृषक हैं बल्कि दुपहिया वाहन उद्योग को पुर्जो की सप्लाई देने वाले भारत के नम्बर वन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में उच्च प्रबंधन का हिस्सा भी रह चुके हैं।उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने निवास से सटे हुये गौ सदन की गौ वाटिका में साग सब्जियाँ उगाई हुई हैं।इससे पहले लॉक डाउन अवधि में उनकी गौ वाटिका की क्यारियों में उगाए केलों को उन्होंने आसपास के 20 परिवारों के साथ बाँटकर साझा किया।इसके अतिरिक्त उन्होंने गमलों में भी औषधीय पादप उगाए हुए हैं।जिनमें रामा-श्यामा और बद्रीश तुलसी के अतिरिक्त गिलोय,ब्राह्मी,स्टीविया अश्वगन्धा,घृतकुमारी,पुदीना,
पत्थरचट्टा,टमाटर,मिर्च सहित विभिन्न प्रकार के फूल शामिल हैं।गौरतलब है कि जुगलान इससे पूर्व लॉक डाउन की अवधि में अपने आँगन में वाटर हार्वेशटिंग सिस्टम(जल संरक्षण)कूप का निर्माण कर चुके हैं।तथा निरन्तर अपने द्वारा किये गये रचनात्मक कार्यों से समाज को नई दिशा दे रहे हैं।