लॉक डाउन अवधि में विकसित हुआ क्राफ्ट्स क्रिएशन

लॉक डाउन अवधि में विकसित हुआ क्राफ्ट्स क्रिएशन

ऋषिकेश-देश व्यापी लॉक डाउन से जहाँ लोग घरों में रहने को कैद हुए और दिनचर्या के कार्य प्रभावित होने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के भय से बच्चों का घर से निकलना दूभर हुआ तो प्रतिभावान विद्यार्थियों ने घर के अंदर रहकर भी अपनी प्रतिभा दिखानी शुरू कर दी।खदरी खड़क माफ वार्ड छह निवासी ऐसे ही एक प्रतिभावान छात्र हर्षित ध्यानी ने लॉक डाउन अवधि को अपने अंदर छिपी कला को बाहर निकालने का हथियार बनाते हुए इस अवधि का सदुपयोग करके सबको चकित कर दिया है।उनके पास में रहने वाले समाजसेवी विनोद जुगलान ने बताया कि 12 वर्षीय हर्षित ध्यानी पारस पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा का विद्यार्थी है।वह होनहार बालक है।पढ़ाई के साथ साथ घर पर खाली समय में अन्य बच्चों की तरह वीडियो गेम का शौकीन नहीं है बल्कि समय मिलते ही वह क्राफ्ट क्रियेशन्स में लग जाता है।इसके लिए उसको पलास,पेशकश,तार के टुकड़े, गत्ते, ग्लुस्टिक, कैंची और वाटर कलर की आवश्यकता होती है जो उसके पिता उसे उपलब्ध करवाते हैं।वह देखते ही देखते सचमुच दिखने वाले उपकरणों की तरह के क्राफ्ट्स मिनटों में तैयार कर लेता है।अब तक वह चलने वाला वाटर सबमरीन मॉडल,इंसासगन मॉडल, वाटर शिप,कैमरा,टैंकर, एरोप्लेन,आईफोन,गुल्लक और गौरैय्या के लिए घोंसला,साईकिल आदि दर्जनों चीजें तैयार कर चुका है।इस कार्य में हर्षित के साथ उसकी आठ वर्षीय छोटी बहिन हर्षिता ध्यानी गंभीरता पूर्वक सहयोग करती हैं जो कि विवेका अकादमी में कक्षा तीन में पढ़ती हैं।दोनों भाई बहिनों की यह सृजनात्मक जोड़ी समाज को प्रेरणा देने वाली है।इन बच्चों के पिता दीपक ध्यानी प्राइवेट नौकरी करते हैं जबकि माता इन्दु ध्यानी कुशल गृहणी हैं जो कि बच्चों के इन सृजनात्मक कार्यों से अभिभूत होती हैं।हर्षित ध्यानी ने बताया कि उसका सपना भविष्य में मैकेनिकल इंजीनियरिंग करके भारतीय सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करना है।

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