जीवन से ही है प्रौद्योगिकी की उपयोगिता -स्वामी चिदानन्द सरस्वती

जीवन से ही है प्रौद्योगिकी की उपयोगिता -स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश-परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों के माध्यम से देश के युवाओं का आह्वान किया और उन्हें चार टीज़ प्रोग्रम देते हुयेे कहा कि युवा टाइम, टैलेंट, टेक्नोलाॅजी एवं टेनासिटी देश के प्रौद्योगिकी में लगाये। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुये स्वामी चिदानंद के द्वारा दिये संदेश को आत्मसात किया। उन्होंने कहा कि भारत ने वेद से विमान तक विकास किया अब अवसर है कि वेद और विमान तथा अध्यात्म और विज्ञान साथ-साथ प्रगति करें, क्योंकि अध्यात्म के बिना विज्ञान अधूरा है।उन्होंने कहा कि भारत का ताकतवर एवं सफल परमाणु परीक्षण वर्ष1998 में किया गया था और इस पूरे परीक्षण को सफलता तक पहुंचाने का श्रेय महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम साहब को जाता है और कलाम साहब को इस प्रोजेक्ट को सौंपने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। अब्दुल कलाम साहब के शानदार मार्गदर्शन और प्रेरणा के द्वारा ही उस समय सभी परमाणु परिक्षणों को सफलता पूर्वक टेस्ट किया गया था। वास्तव में यह उपलब्धि भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। यह कलाम का कमाल था।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं को अधिक से अधिक ध्यान तकनीक विकास पर देना होगा क्योंकि इस सूचना प्रौद्योगिकी के युग में जबकि व्यक्ति का पूरा जीवन लगभग प्रौद्योगिकी पर आधारित है उस समय बेहतर विकास लक्ष्यों को हासिल करते हुये देश को विकास के उच्चत्तम सोपानों तक ले जाना अत्यंत आवश्यक है।

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