लॉकडाउन में अंजलि ने रसोई को बनाया प्रयोगशाला

लॉकडाउन में अंजलि ने रसोई को बनाया प्रयोगशाला

ऋषिकेश-कोरोना वायरस की दहशत ने लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। अब इस बात को खासी तवज्जो दी जा रही है कि कौन सा भोजन स्वास्थ्यवर्धक है और कौन सा सेहत का दुश्मन। लॉकडाउन में भले ही लोग घरों में बंद हैं लेकिन उनकी आदतें स्वभाव और खान-पान में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। महिलाएं घरों पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौष्टिक भोजन तैयार कर रही है।

 

 

लॉकडाउन में घरों की रसोई भोजन के नए प्रयोगों की प्रयोगशाला बन गई है। बाहर निकलने पर पाबंदी के बीच घरेलू से लेकर कामकाजी महिलाएं कुकिग स्किल को बढ़ाते हुए सेहतमंद भोजन तैयार करने में जुटी हैं। रसोई में नॉर्थ इंडियन डिश से लेकर साउथ इंडियन, फ्रेंच और देसी डिश सहित वह सबकुछ पक रहा है, जो कभी रेस्टोरेंट में ही मयस्सर होती है। इन खानों में पौष्टिकता का पैमाना भी भरपूर है।
गृहणी अंजलि बलूनी ने तो इन दिनों रसोई को ही प्रयोगशाला बना दिया है।जहां उनके द्वारा रोजाना नई
नई डिश तैयार की जा रही हैं।अंंजलि की मानें तो
लॉकडाउन ने अपनी पाक कला को बेहतर बनाने का एक सुंदर अवसर मिला है। भोजन में वैरायटी की मांग पति अरविंद और बच्चों की रहती है। ऐसे में रसोई में मौजूद मसालों के सामांजस्य के साथ सुपाच्य और सेहतमंद डिश तैयार करना प्राथमिकता में शामिल रहता है। उन्होंने बताया तरह-तरह का खाना बनाना उन्हें खासा पसंद है। लॉकडाउन में अब अपनी मनपसंद डिश बनाने का अच्छा मौका मिल रहा है।

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