बाढ़ से पॉलिटेक्निक की सुरक्षा को सरकार से गुहार

बाढ़ से पॉलिटेक्निक की सुरक्षा को सरकार से गुहार
ऋषिकेश-राजकीय पॉलिटेक्निक गढ़ी श्यामपुर के नाम से खदरी खड़क माफ ग्राम सभा की सीमा पर स्थित राज्य की सर्वाधिक लागत से बने संस्थान की बाढ़ से सुरक्षा को संस्थान के पर्यावरण संरक्षक एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त प्रमुख विनोद जुगलान विप्र ने जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार पाण्डेय के माध्यम से जिलाधिकारी देहरादून से तार जाल सुरक्षा तटबन्ध बनवाने की गुहार लगाई है।संस्थान के पर्यावरण संरक्षक विनोद जुगलान ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से जिला मुख्यालय न जा पाने के कारण जिला विकास अधिकारी देहरादून से फोन पर वार्ता कर बताया गया है कि राज्य के करोड़ों रुपये लागत का यह संस्थान गंगा नदी में बर्षात में जल स्तर वृद्धि के कारण उपेक्षा का दंश झेल रहा है।ग्यारह एकड़ भूमि पर स्थित संस्थान पर 13 करोड़ की लागत आयी थी।गतवर्ष ग्रामीणों की शिफारिश पर प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून राजीव धीमान ने बाढ़ से सुरक्षा के उपाय को वन विभाग द्वारा वन भूमि और पौधरोपण के कटाव को रोकने के लिए नब्बे मीटर का एक तार जाल लक्कड़ घाट के समीप भरवाया गया था।इससे नदी की बाढ़ का पानी पिछले वर्ष कुछ कम होगया था।इस बार अगर मानसून सत्र से पहले राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान की सीमा पर दो सौ मीटर का तार जाल पत्थरों से भरकर तटबन्ध बनाया जाता है तो संस्थान सदा-सदा के लिए बाढ़ से सुरक्षित हो जाएगा।जिला विकास अधिकारी ने फोन पर पूरी जानकारी लेते हुए शीघ्र ही बाढ़ सुरक्षा के तटबन्ध बनवाने का भरोसा दिलाया है।उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति के नुकसान को सुरक्षित करने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।गौरतलब है कि स्थानीयों द्वारा संस्थान को सुरक्षित करने की वर्षो से माँग की जाती रही है।