निराश्रित गायों के लिए चारा काट रहीं होनहार बेटियांं

निराश्रित गायों के लिए चारा काट रहीं होनहार बेटियांं
ऋषिकेश-कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन को लगभग डेढ़ माह से अधिक समय व्यतीत हो चुका है।सरकार और प्रसाशन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों सहित सामाजिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी जरूरत मन्दों की मदद को लगातार लगे हुए हैं।ऐसे में सड़कों पर घूम रही निराश्रित गायों और गौवंश को चारा खिलाने के लिए राजकीय पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्साकर्मियों के साथ मिलकर स्थानीय समाज सेवी भी लगे हुए हैं।इसके लिए पशुपालन विभाग की ओर से सूखा चारा सीरा युक्त भूसे के फ़ूडर ब्लॉक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।राजकीय पशु चिकित्सालय श्यामपुर की पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ सपना बिष्ट के आग्रह पर पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र द्वारा हरा चारा (बरसीम) की व्यवस्था की गई है।सोशिएल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए खेत से चारा काटने का कार्य मजदूरों से न कटवा कर उनकी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही बेटियाँ क्रमशःविनिशा जुगलान एवं अनिशा जुगलान स्वयं चारा काट रही हैं।गौरतलब है कि विनिशा जुगलान स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय से बी कॉम ऑनर्स में गोल्ड मेडलिस्ट रही है और वर्तमान में चार्टेड अकाउंटेंट की तैयारी कर रही हैं जबकि उनकी छोटी बहिन अनिशा जुगलान पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश में बी कॉम की छात्रा है।ये दोनों होनहार बेटियाँ अपनी पढ़ाई के साथ-साथ घर पर स्वयं की गौशाला में भी गौपालन के लिए समय प्रबंधन में निपुर्ण हो चुकी हैं।उनका कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ गौ सेवा का कार्य उन्हें अच्छा लगता है लेकिन समयाभाव और लॉक डाउन के कारण घर से निकलना सम्भव नहीं है।ऐसे में देश में आई विपत्ति की इस घड़ी में घर पर रह कर ही जितनी भी होसके गौसेवा करने का प्रयास करने सुखद अनुभूति होती है।समाज और गौ सेवा की प्रेरणा उन्हें अपने पिता पर्यावरणविद विनोद जुगलान से प्राप्त हुई है।युवाओं के नाम संदेश में दोनों बहिनों ने कहा कि अध्ययन करते हुए घर पर माता-पिता के कार्यों में सहयोग करें।साथ ही कुछ समय सामाजिक कार्यों के लिए अवश्य निकालें अगर आसपास कोई निर्धन बच्चे हों तो खाली समय मे उन्हें पढ़ाने का प्रयास करें।