नशे की प्रवर्ति को बढ़ाना उचित नही-कुसुम जोशी

नशे की प्रवर्ति को बढ़ाना उचित नही-कुसुम जोशी
ऋषिकेश- पिछले कई वर्षों से शराबबंदी को लेकर आदोंलन चला रही मैती संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी ने कोरोना संकटकाल के बीच प्रदेश सरकार द्वारा खोले गए शराब के ठेको को लेकर गहरी नाराजगी जताई है।
उन्होंने एक जारी बयान में कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना का संकट लगातार बना हुआ है।उत्तराखंड भी इस अदृश्य बीमारी से अछूती नही रही है।प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले सामने आ रहे.हैं।
लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार इस गंभीर मुद्दे को लेकर संवेदनहीन बनी हुई है।उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने के लाँककडाउन के उपरांत ऐसा लगने लगा था कि इसका समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा ।
लेकिन अर्थव्यवस्था के नाम पर सरकार की संवेदनहीनता के कारण शराब से प्रतिबन्ध हटाने के उपरांत आज जो अव्यवस्था देखने को मिली वो बेहद गंभीर है।उत्तराखंड के विभिन्न शहरों मैं ठेकों पर सुबह पांच बजे से ही लोग सड़क किनारे लाइन पर खड़े हो गए थे। आश्चर्य चकित करने वाली इतनी भीड़ इस दौर में कभी भी राशन की दुकान व अन्य जरूरी वस्तओं की खरीदारी करने के दौरान नही लगी।उन्होंने कहा कि काम धंधे बंद होने से गरीब तबके के लोग लाँक डाउन के दौरान काफी कठिन दौर से गुजर रहा है ।घर की महिलाएं जो बमुश्किल अपने परिवार का भरण पोषण कर पा रही है । वो शराब के ठेके खुलने से चिंताग्रस्त हो गई है ।मैती संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी के अनुसार आज जरूरत इस बात की है कि लोग किस तरह से इस आर्थिक विभीषिका से उबर सके।सरकार को इसके ऊपर कार्य करने की आवश्यकता है ।आज के दौर में जहाँ कोरोना महामारी की वजह से रोजगार खत्म हो गए है ।इसका सबसे प्रतिकूल प्रभाव महिलाओं पर पडा है । इससे उभरने की सकारात्मक पहल करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि पहाडों में शहरी क्षेत्रों से आये लोग जिनके पास रोजगार नही है उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करना नितांत आवश्यक है। जिससे उनके हाथों को काम मिल सके। महिलाओं को सशक्त बनाये जाने की आवश्यकता है ।तभी हमारा प्रदेश समृद्ध व आत्मनिर्भर हो सकता है ।