लॉक डाउन: आस्था की डुबकी से भी वंचित रह गये श्रद्वालु

लॉक डाउन: आस्था की डुबकी से भी वंचित रह गये श्रद्वालु
ऋषिकेश- तीर्थ नगरी ऋषिकेश में लॉक डाउन के चलते गंगा सप्तमी पर्व पर आस्था की डुबकी लगाने से वंचित रह गये हजारों श्रद्वालु। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देशभर में चल रहे लॉक डाउन की वजह से देवभूमि ऋषिकेश मेेंं प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत त्रिवेेणी घाट पर पिछले 1 महीने से श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ रोक लगा रखी है।लॉक डाउन की छूट के दौरान भी पुलिस के सख्त पहरे की वजह से श्रद्वालु कलयुग में आस्था की साक्षात देवी माने जाने वाली करोड़ों देशवासियों की आस्था का प्रतीक मां गंगा के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। बृहस्पतिवार को गंगा
सप्तमी पर्व पर भी मां गंगाा में आस्था की डुबकी लगाने से श्रद्वालु वंचित रह गये। पर्व पर बेहद आस लगाकर त्रिवेणी घाट पहुंचे श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार से पूर्व गांधी स्तंभ के निकट ही ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा रोक दिया गया। पुलिस द्वारा नियमों का हवाला देकर समझाने के बाद श्रद्वालु वापस अपने घरों की ओर लोट गये।उल्लेखनीय है कि
वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन ही ब्रह्मा के कमंडल से मां गंगा की उत्पत्ति हुई थी। इसी दिन भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर गंगा शिव की जटाओं में समाई थी। तभी से गंगा सप्तमी का पर्व चला आ रहा है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। मान्यता यह है कि गंगा सप्तमी के दिन किए गये गंगा स्नान से व्यक्ति के सभी पाप नाश नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।लेकिन मोक्ष की प्राप्ति की मनोकामना के साथ आस्था की डुबकी के लिए श्रद्वालुओं को अब अगले वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा।