आवारा घोड़ों ने रौंद डाला चारा अब नदियांं बनी सहारा

आवारा घोड़ों ने रौंद डाला चारा अब नदियांं बनी सहारा

ऋषिकेश-राज्य में लॉक डाउन की अवधि को एक माह से अधिक समय हो गया है।ऐसे में हर वर्ग लॉक डाउन से हलकान हो रहा है।एक तरफ किसानों पर लॉक डाउन के साथ ही मौसम की मार पड़ी है जिससे फसल की उपज प्रभावित हुई है तो दूसरी ओर आवारा पशुओं ने पहले गेंहूँ की फसल को नुकसान पहुंचाया है तो दूसरी तरफ घरेलू पशुओं के लिए बोई गयीं बरसीन की फसल रौंद डाली है।

लक्कड़ घाट निवासी कृषक ईश्वर सिंह ने बताया कि टिहरी विस्थापित क्षेत्र श्यामपुर स्थित वन गूजरों द्वारा दो दर्जन से अधिक घोड़े आवारा छोड़ दिये गये हैं जो दिन रात चारे की फसल को नुकसान पहुँचा रहे हैं।स्थानीय लघु कृषक टीटू कुमार का कहना है कि आवारा पशुओं द्वारा चारे की फसल चट कर जाने के कारण पहले सुषवा खिला रहे थे, अब सुषवा भी समाप्त हो गया है इसलिए नालों में उगे खर पतवार खरकमल काट कर पशुओं को दे रहे हैं।जब तक मक्का नहीं उगती तब तक एक माह की अवधि तक नदी नालों पर ही आश्रित रहना होगा।स्थानीय कृषक और पर्यावरण विद विनोद जुगलान विप्र ने बताया खादर क्षेत्र में भी कल इन आवारा घोड़ों ने मुन्ना सिंह और लक्ष्मी देवी के खेतों में खड़ी बरसीन की फसल नष्ट कर डाली थी।किसानों ने इन आवारा घोड़ों पर नियंत्रण की माँग की है।

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