कोविड 19 की मार से बचाने के लिए पर्यटन व्यवसायियों को मिले विशेष रिहायत-प्रतीक कालिया

कोविड 19 की मार से बचाने के लिए पर्यटन व्यवसायियों को मिले विशेष रिहायत-प्रतीक कालिया
ऋषिकेश- उत्तराखंड में पर्यटन पर कोरोना की मार इस वर्ष पड़नी तय है। व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस बात की चिंता सताने लगी है कि सरकार की ओर से उन्हें विशेष रियायत न दी गई तो उनकी आर्थिक रूप से कमर टूटनी लगभग तय है।इन सबके बीच युवा व्यवसायी प्रतीक कालिया ने पर्यटन सचिव को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं ।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह सुझाव सामने आए हैं।कोविड-19 महामारी से आर्थिक रूप से जूझ रहे उत्तराखंड के पर्यटन संबंधी व्यवसायियों की ओर से एटीओएआई के सक्रिय सदस्य एवं आई ए पी आर ओ के एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य के रूप में कोरोना महामारी के पश्चात पर्यटन मैं आने वाली चुनौतियों के ऊपर एक वेबनर का आयोजन ईटीओ एआई के माध्यम से किया गया था। इस इस वीडियो कॉन्फ्रेंस मैं साहसिक पर्यटन से जुड़े पूरे भारत के 70 से अधिक ऑपरेटर एवं संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद रहे।इस कॉन्फ्रेंस में यूटीडीबी के सीईओ एवं प्रमुख सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने जी इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के प्रमुख ब्रिगेडियर एबीजी से उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन से जुड़े कई सवाल पूछे ।कान्फ्रेंस मे प्रतीक कालिया सक्रिय सदस्य एटीओएआई नई दिल्ली एवं प्रबंध निदेशक हिमालयन आउटडोर प्राइवेट लिमिटेड ने ऋषिकेश में चल रही राफ्टिंग गतिविधि एवं पूरे उत्तराखंड में चल रही कैंपिंग गतिविधियों के ऊपर दो महत्वपूर्ण सुझाव दिए ।उन्होंने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में चल रहे होटल कैंप और गेस्ट हाउस पर से सरकार को आने वाले कुछ समय के लिए जिला पंचायत द्वारा एवं नगर निगम और नगर पालिका द्वारा लिए जाने वाला टैक्स माफ करने और ऋषिकेश गढ़वाल एवं कुमाऊं में संचालित होने वाली रिवर राफ्टिंग गतिविधि इसमें जो लोग जुड़े हैं उनकी राष्ट्रीय परमिट की रिनुअल फीस माफ करने की बात कही।जिस पर टूरिज्म सचिव जावलकर द्वारा आश्वासन दिया गया कि वह इन दोनों विषयों को प्रमुखता से पर्यटन को दिए जाने वाले रिलीफ मे शामिल करेंगे।