लॉक डाउन का करें सदुपयोग-जुगलान

लॉक डाउन का करें सदुपयोग-जुगलान

ऋषिकेश-पूरे देश में कोविड 19 कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन लागू किया गया है।जिसमें कोरोना योद्धाओं के रूप में चिकित्सक- स्वास्थ्यकर्मी,पुलिसकर्मी और पत्रकार और समाजसेवी अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 

ऐसे में लगभग एक माह से अपने-अपने घरों में कैद लोगों को न केवल परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि लोग घर के अंदर रहते हुए ऊब रहे हैं।इसका सबसे बड़ा कारण है कि घर में रह रहे लोग मानसिक रूप से लगातार घर पर रहने को तैयार नहीं होते हैं।दूसरा बड़ा कारण है कि जो लोग स्वयं को व्यस्त नहीं रख पाते हैं,वे ज्यादा ऊब जाते हैं।ऐसे लोगों के लिए पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र ने घर पर रहते हुए सामाजिक दूरी का पालन करते हुए समाज में नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।जुगलान का कहना है कि लॉक डाउन की अवधि में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए छोटे छोटे प्रयास करते हुए समय का सदुपयोग किया जा सकता है।इस क्रम में बागवानी कर गर्मियों में उगने वाली सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं।जिनके पास खेत और कच्ची ज़मीन उपलब्ध नहीं हो, वह गमलों में पौधे उगा सकते हैं।घरों में लकड़ी और गत्ते से गौरैय्या चिड़िया के लिए घोंसले बनाये जा सकते हैं।यदि घर में वर्षा जल संरक्षण कूप नहीं बना है तो पारिवारिक सदस्यों की मदद से गड्ढा खोदकर वर्षा जल संरक्षण के लिए कूप तैयार किया जा सकता है।घर से दैनिक निकलने जैविक और अजैविक कूड़े को अलग-अलग कर खाद तैयार की जा सकती है जो बागवानी के उपयोग में लायी जा सकती है।इसके अतिरिक्त यदि परिवार में पढ़ने वाले छोटे बच्चे हैं तो उनको खेल-खेल में पढ़ाया जा सकता है।साथ ही गत्ते और पुराने शादी के कार्डो से वाल हैंगिंग्स और ग्रीटिंग कार्ड बनाने की कला सिखाई जा सकती है।इससे बच्चों में क्रिएटिविटी बढ़ेगी।बच्चों को लॉक डाउन की अवधि में पर्यावरण की जानकारी और उसके महत्व को लेकर जागरूकता दी जा सकती है।ऐसा करने से समय का न केवल सदुपयोग होगा बल्कि आप लम्बे समय तक घर में रहने से बोर नहीं होंगें।इसके साथ-साथ उच्च शिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह समय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का सही समय है।

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