ऑनलाइन स्टडी के बाद ब्रेक जरूरी-डा राजे नेगी

ऑनलाइन स्टडी के बाद ब्रेक जरूरी-डा राजे नेगी
ऋषिकेश-मनिराम मार्ग निवासी भावना का बेटा और बेटी दोनों एक निजी स्कूल में पड़ते हैं। दोनों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। बच्चे ऑनलाइन पढ़ तो रहे हैं लेकिन उनकी चिता है कि दोनों बच्चे मोबाइल और लैपटाप पर पांच से छह घंटे बिता रहे हैं।पड़ाई का बोझ कहीं उनकी आंखों को धुंधला न कर दे।
यही चिंता इस समय अधिकांश अभिभावकों को खाये जा रही है।वजह से आँनलाइन स्टडी जिसमें बच्चे मोबाइल और लैपटाप पर पांच से छह घंटे बिता रहे हैं। अधिकांश अभिभावकों का कहना है कि वह पहले बच्चों को मोबाइल और लैपटॉप से दूर रखते थे, लेकिन अब मजबूरी है। उनकी शंका है कि स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों की आंखें सुरक्षित हैं कि नहीं। चश्मे का नंबर तो नहीं बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि ऋषिकेश में लाँकडाउन के चलते बच्चों की पड़ाई बाधित न हो इसके लिए स्कूलों द्वारा पिछले एक सप्ताह से ऑनलाइन कक्षाएं चलायी जा रही हैं।
।हर बच्चा औसतन पांच से छह घंटे मोबाइल या लैपटॉप पर बिता रहा है। चिकित्सकों की मानें तो लंबे समय तक स्क्रीन पर रहना बच्चों पर मानसिक और शारीरिक तौर पर असर डाल सकता है। जितने समय बच्चा मोबाइल, लैपटॉप और टीवी देखते हैं, उतने समय को स्क्रीन टाइम कहा जाता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि दो से पांच साल के बच्चों को एक घंटे से अधिक समय स्क्रीन पर नहीं बिताना चाहिए। छह साल से अधिक आयु के बच्चे मोबाइल पर क्या देखते हैं, उस पर भी अभिभावकों को निगरानी रखनी चाहिए।नगर के प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञ डा राजे नेगी की सलाह है कि ऑनलाइन स्टडी के बाद ब्रेक जरूरी है, ताकि आंखों को पर्याप्त आराम मिल सके। लंबी कक्षाएं होने से बच्चे स्क्रीन पर नजर तो रखेंगे, लेकिन समझेंगे नहीं। उनके कहना है स्क्रीन पर लगातार देखने से आंखों में खिंचाव होता है। आंखों में पानी आना, सूखापन, जलन, आंखों में लाली जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। थोड़ी सावधानी रखकर इससे बच सकते हैं।डा नेगी ने सुझाव देते हुए कहा कि हो सके तो बच्चे मोबाइल की जगह लैपटॉप का इस्तेमाल करें।मोबाइल भी वो हो जिस मोबाइल की स्क्रीन बड़ी हो।अभिभावक यह ध्यान रखें की स्टडी के दौरान बच्चे के बैठने का तरीका ठीक हो।मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन को आंखों के लेवल से थोड़ा नीचे रखें।बकोल डा नेत्र विशेेषज्ञ डा नेगी के अनुसार इस बात का ख्याल रखा जाये की बच्चे पड़ाई करते वक्त बीच- बीच में पलक को झपकते रहें। ब्रेक लेकर दूर की चीजों को देखते रहें।वीडियो गेम, अन्य गैरशैक्षणिक कार्यों को स्क्रीन पर कम करें।