जनता के लिए कोरोनटाईन बना,वन्यजीवों के लिए वैलेंटाइन जंगली हाथी ने खादर में रोंदी फसल

Dainik yog nagari news
ऋषिकेश-कोरोना वायरस कोविड 19 के भय से राज्यों में घोषित लॉकडाउन से जहां जनता अपने घरों में कोरोनटाईन हो रही हैं,वहीं दूसरी ओर वन्यजीवों को सताने वाला मानवीयभय कम हो गया है।इस बात का ज्वलन्त उदाहरण है कि वन्य जीव दिन रात स्वच्छन्द होकर खुले आम विचरण करने लगे हैं।इतना ही नहीं जंगल से सटे आवासीय क्षेत्रों में भी वन्यजीवों की ऐतिहासिक आमद देखने को मिल रही है।बीती देर शाम खदरी दो किसानों को खबर मिली कि उनके खेत में सुरक्षा तारबाड़ टूटने की आवाज आई।सूचना प्राप्त होते ही जैवविविधता समिति खदरी के अध्यक्ष पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र को ग्रामीणों ने सहयोग के लिए टॉर्च लेकर बुलाया तो मौके पर जाते ही स्थिति देखकर सन्नाटा पसर गया।जब किसानों ने देखा कि उनके ठीक सामने गजराज खेत में गेंहूं की फसल चर रहे हैं।


पर्यावरणविद ने किसानों की मदद से टॉर्च का उजाला किया तो गजराज जंगल की ओर बढ़ गया।दूसरा वाकिया खादर के खेतों का है जहां ग्रामीण शुक्रवार की सुबह अपने खेतों की देखभाल के लिए निकले तो जंगली हाथी के पैरों के निशान देख रहे थे तभी उन्हें गुलदार के पंजों के निशान भी दिखाई दिए।अभी किसान अपने खेतों की सीमा पर वन्यजीवों के निशान देख ही रहे थे कि अचानक खेतों की सीमा पर हिरणों का झुण्ड दिखाई दिया जो कि काफी देर तक पास ही खड़े रहे,कुछ देर बाद यह झुण्ड जंगल की ओर बढ़ गया।पर्यावरणविद ने बताया कि लॉक डाउन के बाद बन्द हुई गाड़ियों की चिल्लपों से दूर शान्त वातावरण का अनुकूल असर वन्य जीवों पर भी पड़ा है।लॉक डाउन से न केवल यातायात कम हुआ है बल्कि जँगल सफारी भी पूर्ण रूप से बन्द की गई है जिससे राजाजी नेशनल पार्क के वन्यजीवों में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिल रहा है।गंगा भोगपुर में भी वन्यजीव जंगल से बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं। खदरी के ग्रामीणों ने बताया कि जँगली हाथी की आमद सोलर फेसिंग से रुकी हुई थी लेकिन गाँव की सीमा पर बनी गौशाला व ग्रामीणों की आवाजाही के लिए छोड़े गए रास्ते से जँगली हाथी प्रवेश कर रहा है।जिसकी सूचना आर पी एस नेगी वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश को दे दी गयी है

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