कोरोना कहर में आवारा पशुओं ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

Dainik yog nagari news
ऋषिकेश-कोरोना की मार से किसान लाचार नजर आने लगा है।बेमौसमी बारिश और औलावृष्टि के बाद कोरोना के कहर ने कृषकों की पूरी तरह से कमर तोड़ कर रख दी है।
ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर खदरी में किसानों की चिन्ता लगातार बढ़ रही है।कुछ दिन पूर्व बेमौसम की वर्षा और ओलों से बर्बाद हुई फसल से उपज पहले ही कम होने के आसार हैं।उस पर आवारा पशुओं की अचानक बढ़ आयी आमद से किसानों की चिन्ता और बढ़ गयी है।गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के भय से इक्का-दुक्का किसानों को छोड़कर लोग रात को खेतों में पहरा देने जाने वाले किसान भी आजकल खेतों में नहीं जा रहे हैं।मौके का फायदा उठाकर आवारा पशुओं के झुण्ड खेत में प्रवेश कर फसल क्षतिग्रस्त कर रहे हैं।


इनमें ज्यादातर वन गूजरों के आवारा घोड़े और भैंसों सहित निराश्रित गौ वंश भी शामिल हैं।स्थानीय कृषक मोहर सिंह ने बताया कि पक आयी गेंहूँ की फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए दिनभर खेतों में डेरा डाले हुए रहना पड़ता है,जबकि रात को कोरोना संक्रमण के भय से किसान खेतों में एकत्रित नहीं हो रहे हैं और अकेले खेतों में जाने पर गुलदार का भय बना रहता है।जैवविविधता समिति खदरी के अध्यक्ष पर्यावरण विद विनोद जुगलान विप्र ने बताया कि लक्कड़ घाट के समीप विस्थापित क्षेत्र में वन गूजरों के पाँच-सात ही डेरे थे,लेकिन आजकल इनकी संख्या 50 के लगभग होगयी है।पड़ताल करने पर स्थानीय वन गुजर मोहम्मद यामीन ने बताया कि पहाड़ों पर गये वन गुजर कोरोना के भय से बड़ी संख्या में मैदानों की ओर उतर आए हैं और चारे भूसे की कमी चलते वन गूजरों ने दूध न देने वाले पशुओं को आवारा छोड़ दिया है।फलस्वरूप आवारा पशु किसानों की फसल रौंद रहे हैं,इससे किसानों की नींद हराम होगयी है। बीती रात दो दर्जन घोड़े और भैंसों के झुण्ड ने खादर क्षेत्र में लगभग पाँच बीघा भूमि पर खड़ी गेंहूँ की फसल को रौंद डाला।दिन-रात ये पशु इधर-उधर दौड़ते नजर रहे हैं।

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